रविवार, 14 मई 2017

परफ्सूम की जरूरत

हम गरीब मेहनत करके पसीना बहाते हैं। पसीने की कमाई खाते हैं। मेहनती लोगों के पसीने से हमें खुशबू मिलती हैं। इसलिए हमें एक-दूसरे से मिलने के लिए परफ्यूम की जरूरत नहीं पड़ती। पर अमीरजादे पता नहीं क्या खाते हैं, क्या करते हैं कि उनकी बदबू सहन नहीं होती। वे अपनी बदबू परफ्यूम मार-मार कर छिपाते रहते हैं।

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