शनिवार, 11 मई 2019

मोदी जी को चैलेंज


(इस पोस्ट को मैंने मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद साल भर तैयार किया था, पर पता नहीं पोस्ट कर सका था या नहीं। कृपया इसे ध्यान से पढ़ें और अपनी राय दें।)
A 698.jpgमोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए जनता से अपनी अधिकतम ताकत लगा दी। अब मोदी जी की बारी है। क्या वो आज की गंदी राजनीति के बीच अपने को बचाते हुए जनता की सेवा कर पायेंगे। यानी अबतक की परीक्षाओं में सबसे कठिन परीक्षा मोदी जी को देनी है।
  1. इस चुनाव में अच्छी बातें –
    क) मोदी जी का एक महापुरुष के रूप में उभरना।
    ख) एक व्यक्ति पर अधिकतम लोगों का विश्वास जमना।
    ग) मोदी जी की जीत बताती है कि लोगों का झुकाव अब अनुशासन की ओर हो रहा है।
    घ) साम्प्रदायिक ताकत की पहली बार अविश्वसनीय हार हुई है।
    ङ) पहली बार सरकार पूरी बहुमत में आई है।
    च) पहली बार गठबनधन से विपक्ष बनाना पड़ेगा।
    छ) सरकार को सरकार चलाने के लिए सुझाव की आवश्यकता पड़ती थी, अब विपक्ष में बैठने के लिए सरकार के सुझाव पर विपक्ष को ध्यान देना होगा।
  2. मोदी जी से आग्रह –
    क) आज की गंदी राजनीति और राजनीतिज्ञों के बीच जीने के लिए आपको हमेशा सावधान रहना होगा।
    ख) भारतीय संविधान के अनुसार मात्र ही नही कबीर के दोहे (निंदक नियरे राखिए, आँगन कुटि छवाय, बिन पानी साबुन बिना निर्मल करे सुहाय) के अनुसार भी विपक्ष को सम्मान मिलना चाहिए।
    ग) आजतक धर्ण, सम्प्रदाय, प्रांत,जाति के आधार पर भेदभाव करते हुए सरकार चलाई गई। मेरा विचार है इस बार इन सभी कमियों को दूर करने का प्रयास हो। सभी जाति, घर्म, सम्प्रदाय,प्रांत के लोग आपस में मिलजुल कर प्रेम से नया वातावरण स्थापित करें।
  3. विपक्ष से आग्रह –
    क) संविधान में विपक्ष को भी सरकार का एक आवश्यक अंग समझा गया है। इसलिए विपक्ष में बैठने वाले मंत्रियों को भी अपना महत्त्व समझना चाहिए।
    ख) पक्ष की कमियों को विपक्ष ईमानदारी से नोट करें और पक्ष के समक्ष रखकर सरकार की मदद करें। इस प्रकार अपना भारत के विकास में साथ दें। इससे सरकार में विपक्ष को भी पक्ष के समान ही सम्मान मिलेगा।
  4. मिडिया से आग्रह –
    क) मोदी जी की जीत एक अभूतपूर्व घटना है।
    ख) मोदी जी की जीत से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी को भी अभूतपूर्व गौरव प्राप्त हुआ है।
    ग) भारतीय जनता भी मोदी जी को पाकर अभूतपूर्व सपने देखने लगी है।
    घ) मीडिया वालों का क्या, उन्हें तो मशाला चाहिए। यह मशाला भी उनके लिए अभूतपूर्व ही है। पर मोदी जी की जीत का विष्लेषण करते-करते विपक्ष को जिस प्रकार बेइज्जत करने का तरीका मीडिया ने अपनाया है – इसे हिंसा बढ़ाने वाला तरीका कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। मिडियावाले से आग्रह है कि विपक्ष को उनकी गलती अवश्य बतायें पर उन्हे बेइज्जत करके पक्ष-विपक्ष में खाई खोदने का काम न करें। वरना कभी यही खाई मिडिया वालों को भी बरबाद कर सकती है।

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